ख्वाबों के बादलों से अब मैं भी निकल आऊँ, बन के मोम सा इन आँखों से मैं पिघल जाऊँ। ख्वाबों के बादलों से अब मैं भी निकल आऊँ, बन के मोम सा इन आँखों से मैं पिघल जा...
मौत से डर लगे भला क्यूँ, यूँ ही मरता रहा हूँ मैं हर रोज़। मौत से डर लगे भला क्यूँ, यूँ ही मरता रहा हूँ मैं हर रोज़।
निहायत बेढंगा जीवन था ये मेरा इस बदले हुए नये ढंग में तुम हो। निहायत बेढंगा जीवन था ये मेरा इस बदले हुए नये ढंग में तुम हो।
इंसान की जिंदगी में कई प्रेरणास्रोत, उनके जीवन मुल्य उतारता अपने भीतर, कई बार होता का इंसान की जिंदगी में कई प्रेरणास्रोत, उनके जीवन मुल्य उतारता अपने भीतर, कई ...
अल्हड़ जवानी के वो हिस्से याद आते हैं, मुझे तेरी मोहब्बत के किस्से याद आते हैं. अल्हड़ जवानी के वो हिस्से याद आते हैं, मुझे तेरी मोहब्बत के किस्से याद आते है...
नमन करती है लेखनी, आज शहीदों के नाम। नमन करती है लेखनी, आज शहीदों के नाम।